Monday, April 27, 2015

‘मैं तुम लोगों की शिकायत भगवान से करूंगा’


‘मैं तुम लोगों की शिकायत भगवान से करूंगा’



बम से घायल सिर्फ साढ़े तीन साल के सीरियन बच्चे की अंतिम कराह.. 


हम अभी नेपाल में आये भूकंप की त्रासदी से गुजर रहे हैं| मृतकों में जैसी कि सूचनाएं 
आई हैं वृद्धों और बच्चों की संख्या अधिक है| भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जिसके बारे में विज्ञान की सारी प्रगति के बावजूद कोइ पूर्वानुमान लगाना या कोई भविष्यवाणी करना वैज्ञानिकों के लिए अभी तक संभव नहीं हो पाया है| पर, युद्ध एक ऐसी आपदा है, जो न केवल मानव जनित है बल्कि दुनिया के कुछ लोभी, क्रूर, स्वार्थी मनुष्यों की निकृष्ट सोच और अभिलाषाओं का क्रूरतम प्रदर्शन है| प्राकृतिक आपदाएं अपने रास्ते में आने/पड़ने वाले किसी भी अवरोध को चाहे वह जीव हो या निर्जीव हो नहीं बख्शती हैं पर वे प्राकृतिक हैं और मानव जिन प्राकृतिक आपदाओं से बच सकता है, उनसे बच निकलने की पूरी कोशिश करता है और बच भी जाता है| पर, युद्ध में ऐसा नहीं होता क्योंकि युद्ध में जीतने के लिए मानव निर्देशित विध्वंसकारी शक्ति जानते बूझते निरीह, निरपराध और भोले नागरिकों को अपना निशाना बनाती है|




उन्हें या किसी को भी मेरी यह बात पसंद आये न आये, पर यही सच है कि जिन्हें हम मानवता के पोषण, समृद्धता और विकास के लिए अपना रक्षक बनाकर दुनिया में काबिज इस लोकतंत्र के सिंहासन पर बिठाते हैं, उन्हें अपने स्वार्थों, मुनाफों, अहं के विवादों/झगड़ों को साधारण नागरिकों का रक्त बहाकर या उनकी जानें लेकर सुलझाने का अधिकार कभी नहीं देते| दुनिया के किसी भी शासक को, जिसने पूर्व में भी कभी या आज भी युद्ध की भाषा बोल रहा है, युद्ध करना तो दूर की बात, ऐसी भाषा को बोलने के लिए भी अपना लोकतांत्रिक मत जनता ने न कभी दिया होगा, न दिया है और न आगे कभी मिलेगा|



 



ऊपर आप जिस चित्र को देख रहे हैं, वह बम से घायल एक साढ़े तीन वर्षीय सीरियन बच्चे का है, जिसे एक रशियन वेब साईट पर रिचर्ड एड्मोंद्सों ने पोस्ट किया था| नीचे उन्हीं का कथन है  जिसका अंगरेजी में अनुवाद नीना सिदोरवा ने किया है|







बच्चे को अनेक आतंरिक चोटें लगी हैं, जिसके कारण शरीर के अन्दर खून का रिसाव हुआ| डाक्टरों ने बच्चे के चूर चूर हो चुके शरीर को बचाने के अथक प्रयास किये| कितु दुर्भाग्य से चोटें और घाव ज्यादा गंभीर थे और डाक्टरों के प्रयास उनके सामने असफल हुए| अस्पताल के अन्दर बच्चे को यह महसूस हो गया कि अब वह ज़िंदा नहीं रहेगा| मृत्यु शैय्या पर लेटे उस बच्चे ने जो कुछ कहा, उस कथन ने न केवल अस्पताल के स्टाफ को स्तब्ध किया, बल्कि बाहर आने के बाद उसका कथन पूरी दुनिया को झंझोड़ रहा है..







आंसुओं से भरी आँखों और चोटों की असहनीय वेदना से पीड़ित चेहरा लिए उस बच्चे ने कहा,







“मैं तुम लोगों की शिकायत भगवान से करूंगा, मैं उसे सब कुछ बताउंगा!”







अरुण कान्त शुक्ला



27अप्रैल, 2015           




          


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