Sunday, October 24, 2010

सी ज़ेड.आई.ई.ऐ. सम्मलेन और जनवाद – सम्मलेन अवैध है --


 

भोपाल में आज से सीजेडआईईऐ का त्रिवार्षिक सम्मलेन प्रारम्भ होने जा रहा है | मुझे तुरंत जबलपुर निकालना है , इसलिए सीधे सीधे बात को रख रहा हूँ | इसका विश्लेषण कभी बाद में समय आने पर करूँगा | इस सम्मेलन तक के लिये मैं तकनीकी सहित सभी नार्म्स के हिसाब से सम्मलेन का एक्स आफिसियो प्रतिनिधी हूँ , ठीक वैसे ही जैसे इस अपेक्स बाडी के अन्य वर्किंग कमेटी मेंबर हैं और मुझे न केवल सम्मलेन में शामिल होने का नोटिस मिलना चाहिये था बल्कि परंपरा के अनुसार रायपुर डिवीजन की मंडलीय इकाई को मेरा इंतजाम भी करना चाहिये था | लेकिन न तो मुझे नोटिस मिला और नहीं मूल संगठन ने उसके किसी साथी के साथ हो रही सांगठनिक प्रक्रिया के उल्लंघन के प्रति कोई ध्यान दिया और वे देते भी कैसे ? बासिज्म , फासिज्म और चमचागिरी की संस्कृति पर चलने वाले व्यक्ति से यह उम्मीद करना कि वह किसी अन्य साथी के जनवादी अधिकार के लिये संगठन को संघर्ष के लिय प्रेरित करेगा बुद्धिहीन से पहाड़ा सुनने की इच्छा रखने के सामान है | लेकिन नोटिस देने और सम्मलेन में प्रतिनिधि पहुंचे इसे इंश्योर करने की जिम्मेदारी तो संगठन के महासचिव की होती है , पर जनवाद के नाम पर फासिज्म और तानाशाही चलाने वालों से यह अपेक्षा तो और भी व्यर्थ है , जिसके लिये कोई उपमा भी नहीं दी जा सकती | मंडलीय इकाई के एक उच्च नेता को मैंने यह बताया , तो उसका सीधा कहना था कि कामरेड वे सीधा झूठ बोल देंगे कि उन्हें नोटिस दिया गया था पर वे स्वयं नही आये | उसके अनुसार सीजेडआईईऐ का क्रियाशील नेतृत्व के एग्रीकल्चर में खप नहीं पाया | एग्री याने सहमती और कल्चर याने संस्कृति |बहरहाल, ट्रेड यूनियन में जनवाद को दफनाने वाले जनवाद पर भाषण झाड़ेंगे , किसी भी संगठन का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है | कुल मिलाकर यह सम्मलेन अवैध है | जल्दी में हूँ और भी बातें है समय आने पर बताउंगा |

अरुण कान्त शुक्ला "आदित्य"

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