और कितनी बार माफी
मांगोगे , ओबामा –
और कितनी बार माफी मांगोगे , ओबामा ? पिछले
एक माह में दो बार माफी मांग चुके हो | तुम्हारा देश तो किसी को माफ़ नहीं करता !
तुम तो किसी को माफ नहीं करते ! फिर , तुम्हें कोई क्यों माफ करे ?
अभी दो पखवाड़े पहले ही तो तुम्हारे सैनिकों
ने कुरान को फाड़कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने की कोशिश की थी | नाटो तुम गोरों का
बनाया हुआ कसाई युद्ध संगठन है , जिसका उपयोग तुम दुनिया को धमकाकर अपने पाँव के
अंगूठे के नीचे रखने के लिए करते हो | उसी बदनाम संगठन के अड्डे पर तुम्हारे देश
के कायर सैनिकों ने आधी दुनिया में पवित्र मानी जाने वाली कुरान को फाड़ा था और
तुम्हें माफी मांगनी पड़ी थी |
उसके कुछ पहले तुम्हारे सैनिक मरे हुए
सैनिकों के शव पर पेशाब करते हुए पाए गए थे | मुझे याद नहीं कि तुमने माफी माँगी
थी या नहीं | यदि माँगी भी होगी तो कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि तुम्हारे माफी
माँगने से तुम्हारे देश के गोरों के क्रूर , कातिल और नस्लवादी और बेशर्म चरित्र
में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला | उससे भी पहले ईराक के बंदी सैनिकों को बंदी गृहों
में यातना देने की जो कायराना हरकतें तुम्हारे सैनिकों ने कीं थीं , तुमने उसके
लिए भी तो माफी माँगी थी |
नस्लवादी जैसे कठोर शब्द का इस्तेमाल करने के
लिए मुझे मजबूर होना पड़ा है | मैं तुम्हें बता दूं कि नस्लवाद से मैं उससे कई गुना
ज्यादा नफरत करता हूँ , जितनी सनक तुम्हारे देश के गोरे में उसके लिए है | नस्लवाद
के खिलाफ तुम लोगों का विरोध महज अपने नस्लवाद को छुपाने का हथकंडा है | तुम लोगों
ने अपने अपने देशों में नस्लवाद के खिलाफ कड़े क़ानून बनाकर रखे हैं | पर , वे हम
कालों के लिए हैं | वरना , आस्ट्रेलिया , इंगलेंड , फ्रांस , अमेरिका , केनेडा ऐसा
कौन सा देश है जहां गोरी चमड़ी के लोग रहते हों और कालों पर हमला न हुआ हो |
अफगानिस्तान में मार्निंग वाक् पर निकले
तुम्हारे सैनिक ने जिस निर्दयता से घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों सहित 16
लोगों को गोलियों से छलनी किया और फिर शवों को जला डाला , दुनिया के उन तमाम लोगों
के मुंह पर जूता है जो अमेरिकी संस्कृति , तौर तरीकों , जीवन शैली के गुण गाते
नहीं अघाते और तुम्हारे अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद , वो लोगों को ये
समझा रहे थे कि अमरीकी गोरों की सोच में बदलाव आया है | यह घटना बताती है कि
अमेरिका के गोरों की सोच में कोई परिवर्तन नहीं आया है बल्कि परिवर्तन तुम जैसे
कालों की सोच में आया है और तुमने इन इंगलेंड से अमेरिका गए लुटेरों और बदमाशों के
साथ सामंजस्य बिठा लिया है , जिन्होंने तुम्हारी पूर्वजों का आखेट किया था |
इसीलिये , तुम अमेरिका के राष्ट्रपति बन पाए हो |
दुनिया में डेमोक्रेसी का झंडा उठाकर घूमने
वाले ओबामा , क्या बताओगे कि तुम्हारा देश इस घटना को एक सप्ताह तक दबाये क्यों
रखा रहा और उस सैनिक का नाम क्यों नहीं बता रहा , जिसने यह किया है ? तुम तो
राष्ट्राध्यक्षों को सार्वजनिक रूप से अपराधी घोषित करके सार्वजनिक मौत देने वाले
पारदर्शी हो , फिर उस सैनिक का नाम बताने में तुम्हें आपत्ति क्या है | क्यों नहीं
, उस पर सार्वजनिक रूप से अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत में मुकदमा चलाते ? तुम ऐसा
नहीं करोगे | क्योंकि तुम्हारा उसको सजा देने का कोई इरादा ही नहीं है | तुम गोरों
की नज़रों में तुम्हारा खून खून है , हम कालों का खून पानी |
ओबामा तुम्हारे मुस्कराते और भोले भाले से
दिखने वाले चेहरे के पीछे बुश बाप बेटों और ट्रूमन का चेहरा छिपा है , जिन्होंने
ईराक को बर्बाद किया , जिसने हिरोशिमा पर बम गिराया | तुम्हारे देश में ऐसा क़ानून
है कि ज़रा सा भी संदेह होने पर कि कोई अन्य देश तुम्हारे खिलाफ है , तुम उसके
खिलाफ युद्ध छेड़ सकते हो | तुम खुद अपने देश के नागरिकों का वध कराने का अधिकार
मांग रहे हो | तुम्हारा देश दुनिया में कलंक है | तुम्हारे देश की दुनिया को लूटने
वाली और खून खराबे वाली नीतियां मानवता पर कलंक हैं | तुम कितनी भी माफी मांगो ,
तुम्हें कोई माफ नहीं करेगा | और हाँ , याद रखो , दुनिया का जनगण तुम्हारे खिलाफ
होते जा रहा है | एक दिन इतिहास करवट लेगा और तब तुम्हारे एक एक अपराध का हिसाब
किया जाएगा |
अरुण कान्त शुक्ला
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