Wednesday, June 22, 2011

व्यापंम के अधिकारियों सहित सभी संबंधित पक्षों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हों...

व्यापंम के अधिकारियों सहित सभी संबंधित पक्षों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज हों...

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिती की मांग: रिपोर्ट .. अरुण कान्त शुक्ला

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिती ने वरिष्ठ पोलिस अधीक्षक दीपांशु काबरा को दो ज्ञापन सौंपकर 19 जून, 2011 को हो रही परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के सभी दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करके कार्रवाई करने की मांग 20 जून को की है | छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा. राकेश गुप्ता की अगुवाई में , सर्व/श्री डा. शिरीष यदु , विश्वजीत मित्रा , अमिताभ दीक्षीत , डा. दिनेश सेंद्धिया , डा. आनंद दुबे , अरुण कान्त शुक्ला , संजय पराते , एवं दिलीप क्षत्रे के हस्ताक्षर युक्त शिकायत पत्र में कहा गया है कि व्यापम के अध्यक्ष विजियेंद्र सिंह व परीक्षा नियंत्रक बी. पी. त्रिपाठी ने 18 जून, 2011 की मध्यरात्री तक प्रदेश के लाखों लोगों को यह कहते हुए भ्रम में रखा कि पर्चा लीक नहीं हुआ है | जबकि , जिस तरीके और मात्रा में पीएमटी का पर्चा लीक हुआ है , उससे स्पष्ट है कि इसमें व्यापम के अध्यक्ष , परीक्षा नियंत्रक एवं उनके साथ संबंधित अन्य अधिकारियों , कर्मचारियों की आपराधिक तत्वों के साथ संलिप्ता के बिना यह हो ही नहीं सकता था | इसलिए , पकडे गये व्यक्तियों के साथ व्यापंम अध्यक्ष , परीक्षा नियंत्रक तथा सबंधित अधिकारियों के विरुद्ध भी धोखा , कपट और अन्य अपराधों के लिये जुर्म दर्ज कर कानूनी कार्यावाही की जानी चाहिये |

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिती ने यह मांग भी की है कि वे सभी छात्र , उनके अभिवावक , जो लाखों रुपये देकर इस अवैधानिक कार्य में सम्मिलित थे , उनके खिलाफ भी अपराध पंजीकृत किया जाये | समिती ने यह मांग भी की है कि तखतपुर के सामुदायिक भवन को जिस डा. बी.बी.साहू, संचालक साहू अल्टरनेटिव मेडिकल कालेज ने आरक्षित कराया था , उनके खिलाफ भी षड्यंत्र रचने/सहयोग प्रदान करने हेतु तत्काल भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध पंजीकृत किया जाये |

समिती के प्रदेश अध्यक्ष डा. राकेश गुप्ता व अन्य शिकायत कर्ताओं ने प्रदेश के नागरिकों से भी अनुरोध किया है कि वे ऐसे भ्रष्ट लोगों से सावधान रहें और स्वयं तथा अपने बच्चों को ऐसे धोके बाजों के चंगुल में फंसने से बचायें | उन्होंने कहा कि यह केवल एक परिक्षा में उतीर्ण होने का मामला नहीं है , बल्कि , आगे जाकर इस तरह से डाक्टर बनने वाले लोग किस तरह की चिकित्सा नागरिकों को उपलब्ध करायेंगे , उससे भी जुड़ा मामला है | उन्होंने प्रदेश शासन से अपेक्षा जाहिर किये कि वह मामले को रफा दफा होने देने के बजाय , गहराई तक जांच कराएगा और दोषी किसी भी स्तर के हों , उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी |

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