Friday, June 4, 2010

Pappoo fail ho hee nahin sakta

पप्पू फेल हो ही नहीं सकता -
फतहपुर के बिन्दकी कस्बे में किराने की दुकान चलाने वाले 67 वर्ष के जब्बार दसवीं की परीक्षा में पैंतालिसवीं बार फेल हुए सभी अखबार वालों ने उनकी लगन और हिम्मत की दाद दी ,वहां तक तो ठीक था , पर खबर का शीर्षक " ....और45वीं बार फेल हो गया पप्पू " देकर उनकी अच्छी खासी तौहीन की है जब धोनी फेल हुए तब किसी ने नहीं कहा कि पप्पू फेल हो गया जबकि धोनी क्रिकेट की परीक्षाओं में भी फेल हो रहे थे और कालेज की परीक्षाएं तो दे ही नहीं रहे थे वैसे धोनी भी पप्पू तो नहीं ही हैं , क्योंकि पप्पूओं के बारे में मेरा सारा अध्यन बताता है कि पप्पू कभी फेल हो ही नहीं सकता
वैसे बात जब्बार साहब की हो रही है जब्बार साहब की तुलना यदि आप किसी से कर सकते हैं तो श्रीलाल शुक्ल की 'रागदरबारी' के लंगड से कर सकते हैं लंगड ने प्रणकिया था कि बाबू को बिना रिश्व्त दिये कचहरी से 'नकल' लेकर रहेगा बिचारा लंगड कचहरी और बाबू के चक्कर लगाते लगाते मर गया मगर 'नकल' नहीं पा पाया और जब्बार साहब ने प्रण किया है कि बिना नकल किये दसवीं पास होकर रहेंगे और 45वीं बार फेल हो गये तो ,जब्बार साहब को कोई उपमा देना ही था तो लंगड कह देते , पप्पू क्यों कहा ? पप्पू कभी फेल हो ही नहीं सकता बिग बी ने भी जब पप्पू के पास होने पर केडबरी खाईं थी , तो उसमें खुशखबरी यही थी कि दुनिया के सारे पप्पूओ खुश हो जाओ , तुम कभी फेल हो ही नहीं सकते
आप खुद ही सोचिये न कि फेल हो गया तो पप्पू कैसा ! चलिये ,मेरे इस विश्वास के कुछ उदाहरण मैं ही आपको दिये देता हूँ ,तब आप भी मान जायेंगे कि पप्पू कभी फेल नहीं हो सकता और जब्बार साहब पप्पू नहीं हैं हमारे मोहल्ले में एक सहायक जिला शाला निरीक्षक रहा करते थे , अचानक एक सज्जन का आना जाना उनके घर बहुत बड गया मैने उन सज्जन के एक मित्र से पूछा , क्या बात है ,आजकल फलां सज्जन और उन अधिकारी की बहुत पट रही है उनके मित्र ने जबाब दिया , पट नहीं रही है , वो पप्पूगिरी कर रहा है उसका लडका इस साल पांचवी में है और , उक्त सज्जन का लडका , जिसका नम्बर क्लास के पहले दस बच्चों में भी नहीं लगता था , पूरे जिले में टाप किया एक पप्पू की नौकरी का सवाल था ,पर पप्पू टाईपिंग टेस्ट में फेल हो रहा था बस नेताजी ने दूसरे से टाईप कराकर टेस्ट पेपर ही बदलवा दिये , पर पप्पू को फेल नहीं होने दिया लोग कहतें हैं कि पप्पू ने कभी टाईपराईटर को हाथ नहीं लगाया अब पप्पू नेताजी की अनुकंपा से खुद बड़े नेता हैं और हाल में ही पत्रिका में खबर छपी कि पप्पू अब बडे हो गये हैं और उन्हें पुष्पराज कहा जाये तो , पप्पू कभी फेल नहीं हो सकता , क्योंकि फेल होने से नाक पप्पू की नहीं , उसकी कटती है , जिसका वो पप्पू होता है चूंकि , जब्बार साहब फेल हुए हैं और वो भी 45वीं बार ,तो वो तो पप्पू हो ही नहीं सकते आप उन्हें लंगड जरूर कह सकते हैं वैसे , हम सब , जो पप्पू नहीं हैं , लंगड ही तो हैं
04/06/2010 मेघनाद

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